निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. अखिलेश ने राजेश कुमार को दी बधाई..कह दी ये बड़ी बात, राहुल और खड़गे के प्रति भी जताया आभार
निवर्तमान अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने राजेश कुमार को बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि 'कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व आरणीय श्री राहुल गांधी जी, मल्लिकार्जुन खड़गे जी, केसी वेणुगोपाल जी को मेरा धन्यवाद कि आपने मुझ जैसे समान्य कार्यकर्ता पर भरोसा रखते हुए बिहार जैसे बड़े राज्य की कमान सौंपी थी। मैं श्री राजेश कुमार जी को बधाई देता हूं, और आशा करता हूं कि आपनके नेतृत्व में बिहार कांगेस को एक नई उंचाई एवं बुलंदी मिलेगी'।

PATNA : बिहार कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल गया है। डॉ. अखिलेश प्रसाद यादव को हटाकर औरंगाबाद जिले के कुटुंबा से विधायक और पूर्व मंत्री दिलकेश्वर राम के पुत्र राजेश कुमार को अध्यक्ष बना दिया गया है। निवर्तमान अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने राजेश कुमार को बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि 'कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व आरणीय श्री राहुल गांधी जी, मल्लिकार्जुन खड़गे जी, केसी वेणुगोपाल जी को मेरा धन्यवाद कि आपने मुझ जैसे समान्य कार्यकर्ता पर भरोसा रखते हुए बिहार जैसे बड़े राज्य की कमान सौंपी थी। मैं श्री राजेश कुमार जी को बधाई देता हूं, और आशा करता हूं कि आपनके नेतृत्व में बिहार कांगेस को एक नई उंचाई एवं बुलंदी मिलेगी'।
अखिलेश प्रसाद सिंह को ऐसे समय में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाया गया है, जब बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। अखिलेश सिंह भूमिहार जाति से आते हैं और उनकी जगह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दलित चेहरे पर दांव खेला है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि अगर महागठबंधन में कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो पार्टी अकेले भी बिहार विधानसभा के चुनाव में उतर सकती है। इसको लेकर भी पूरी तैयारी कर ली गई है। कन्हैया कुमार बिहार यात्रा पर हैं और उन्हें समर्थन भी मिल रहा है। कन्हैया कुमार भी भूमिहार समाज से ही आते हैं। ऐसे में पार्टी ने अब दलित समाज से आने वाले राजेश कुमार को कमान सौंप दी है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि इस बदलाव से बिहार में कांग्रेस अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा फिर से हासिल कर सकती है।
राजेश राम की छवि स्वच्छ रही है और वे गुटबाजी से भी हमेशा दूर रहते हैं। विनम्र स्वभाव के राजेश कुमार दो बार कुटुंबा से विधायक रहे हैं। 2015 और 2020 में उन्होंने विधानसभा चुनाव जीता है। अब उन्हें कांग्रेस की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी आलाकमान ने ही उनके नाम पर मुहर लगाई है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से अखिलेश प्रसाद सिंह और पार्टी के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के बीच सबकुछ ठीक ना होने की खबरें सामने आ रही थी।
कई मौकों पर उन्होंने लालू प्रसाद का भी समर्थन किया था। इसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि अध्यक्ष पद से अखिलेश प्रसाद सिंह को हटाया जा सकता है। अब देखना यह होगा कि मंझधार में फंसी कांग्रेस की नाव को राजेश कुमार कैसे पार लगाते हैं। दलित चेहरे पर दांव लगाकर कांग्रेस दलित और महादलित वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की है। पहले से ही भूमिहार समाज से आने वाले कन्हैया कुमार बिहार की यात्रा पर हैं। ऐसे में दलित वोट बैंक को साधने के लिए राजेश कुमार को लाया गया है। उनके पिता दिलकेश्वर राम बिहार में मंत्री भी रह चुके हैं। स्वयं राजेश कुमार की छवि भी बेदाग है और वे अपने विनम्र स्वभाव को लेकर लोगों के बीच लोकप्रिय भी हैं।